आखिर कैसे हुई राधा रानी की मृत्यु ?
जब भी प्रेम की बात होती है तो राधा और श्री कृष्ण के प्रेम की मिसाल सबसे पहले आती है। राधा श्री कृष्ण के प्रेम को युवात्मा और परमात्मा का मिलन कहा जाता है। बोला जाता है श्रीकृष्ण को केवल दो ही चीजों से सबसे ज्यादा प्रेम था यह दोनों चीजें आपस में एक दूसरे से गहराई से जुड़ी हुई थी वह थी बांसुरी और राधा लेकिन किसी को यह नहीं पता कि राधा जी की मृत्यु कैसे हुई।
कृष्ण की प्रेम बांसुरियां सुन, भई वो प्रेम दीवानी जब जब कान्हा मुरली बजाई दौड़ी आए राधा रानी।
राधा जी ने क्यों द्वारका छोड़ा श्री कृष्ण जी ने अपनी बांसुरी क्यों तोड़ी
राधा श्री कृष्ण के साथ पहले की तरह का आध्यात्मिक जुड़ाव महसूस नहीं करती थी। इसीलिए राधा ने महल से दूर जाना तय किया उन्होंने सोचा कि वह दूर जाकर दोबारा श्री कृष्ण के साथ गहरा आत्मिक संबंध स्थापित कर पाएंगी। उन्हें नहीं पता था कि वह कहां जा रही है पर श्री कृष्ण जानते थे , धीरे-धीरे समय बीता तो राधा बिल्कुल अकेली और कमजोर हो गई। उस वक्त उन्हे भगवान श्री कृष्ण की आवश्यकता पड़ी। आखिरी समय में भगवान श्रीकृष्ण उनके सामने आ गए , कृष्ण ने राधा से कहा कि वह उनसे कुछ मांगे लेकिन राधा ने मना कर दिया , कृष्ण के दोबारा अनुरोध करने पर राधा ने कहा वह आखरी बार उन्हें बांसुरी बजाते देखना चाहती हैं। श्री कृष्ण ने बांसुरी ली और बेहद सुरीली धुन में बांसुरी बजाने लगे श्री कृष्ण ने दिन-रात बांसुरी बजाई जब तक राधा आध्यात्मिक रूप से कृष्ण में विलीन नहीं हो गई। बांसुरी की धुन सुनते सुनते राधा ने अपने शरीर का त्याग कर दिया। हालांकि भगवान कृष्ण जानते थे कि उनका प्रेम अमर है उसके बावजूद वह राधा की मृत्यु बर्दाश्त नहीं कर सके। कृष्ण ने प्रेम के प्रति बांसुरी तोड़कर झाड़ियों में फेंक दी । उसके बाद कृष्ण ने जीवन भर बांसुरी या कोई अन्य वाद्य यंत्र नहीं बजाया ।